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डॉ. अजित गुप्ता

डॉ. श्रीमती अजित गुप्ता का जन्म 9 नवंबर, 1951 को अलवर, राजस्थान में हुआ।

आयुर्वेद महाविद्यालय, जयपुर से आयुर्वेद शिक्षा के उपरांत आयुर्वेद महाविद्यालय उदयपुर में चिकित्सा एवं अध्यापन। सन्‌ 1997 में प्रोफेसर पद से स्वैच्छिक अवकाश लेने के पश्चात पूर्णतया लेखन एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न।

उनकी प्रमुख रचनाओं में उपन्यास ‘सैलाबी तटबंध’, ‘अरण्य में सूरज’ काव्य संग्रह ‘शब्द जो मकरंद बने’ और ‘सांझ की झंकार’ तथा निबंध संग्रह ‘अहम से वयम्‌ तक’ तो है ही, अपने व्यंग्य एवं यात्रा वृत्तांतों में भी उल्लेखनीय योगदान किया है।

आठवें विश्व हिंदी सम्मेलन में ‘विश्व हिंदी सम्मान’, जनजातीय क्षेत्र में लेखन के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा सम्मानित।

संप्रति : अध्यक्ष, राजस्थान साहित्य अकादमी एवं संपादक ‘मधुमति’।

संपर्क : 7, चरक मार्ग, उदयपुर, राजस्थान।

अरण्य में सूरज

डॉ. अजित गुप्ता

मूल्य: Rs. 495

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सैलाबी तटबन्ध

अजित गुप्ता

मूल्य: Rs. 150

उपन्यास की कथा किस्सागोई शैली में है। शायद यही वजह है कि पठनीयता कहीं भी बाधित नहीं होती। रोमांस, सेक्स, प्रकृति और मातृत्व के इर्द-गिर्द बुनी इसकी कथा भविष्य की एक फैंटेसी के द्वारा हमारे मौजूदा जीवन-यथार्थ के कई कोने-अँतरे खोलती है।   आगे...

 

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